नारी पुराण
वारे दुनियाकी नारी
हो गयी सबसे भारी.
रह गयी कन्या कुवारी
तो बिघाड गयी दुनिया सारी.
सच है की नारी के बिना
दुनिया है अधुरी
कोण बोल सकता है
नारी चिज है बहोत बुरी........
जन्म देनेवाली माँ है नारी
पती की अर्धांगिनी है नारी
संसार का केंद्र है नारी
यह सब कब समझेगी बदचाल नारी.
जिस्म को परोसने वाली नारी
तेरी जिँदगी है सदा अधुरी
भलेही है तू स्वर्ग की परी
क्यु परसोगी माया सारी...
तू तो मायाजाल है नारी
तेरी माहीमा है न्यारी
असली अहमियत जान के
दुनिया को बरबाद मत कर नारी.
मंदिरोमे सजाया था
तुझे एक देवी बनाकर.
भलेही न दिया होगा
अधिकार छुने का
तुझको अस्पृश्य बनाकर.
न दिया था अधिकार जिने का
भोग्य वस्तू समझकर.
तोड दे अब तू बंधन सारे
सच्चाई को जानकर.
दुनिया को संभाल ले नारी
खुद को विरांगना मानकर.
तू ही है अहिल्या
तू ही तो है सावित्री
तू ही है भिमाबाई
तू ही तो है जीजाई
तू ही तो है दुनिया मे
पराक्रमो की खान हमारी.
तू ही तो है जान हमारी.
शिर्फ अपनी सच्चाई जानकर सारी
दुनिया को संभाल ले नारी...........
तूने घरो को बसाया
सपनो को सजाया
संसार को महकाया
दुनिया का इतिहास रचाया
कर्तबगार नारी बनकर.
एकबार इतिहास रचा दे नारी
सलाम करेगी तुझे यह दुनिया सारी......
डाँ प्रभाकर लोंढे गोंदिया
वारे दुनियाकी नारी
हो गयी सबसे भारी.
रह गयी कन्या कुवारी
तो बिघाड गयी दुनिया सारी.
सच है की नारी के बिना
दुनिया है अधुरी
कोण बोल सकता है
नारी चिज है बहोत बुरी........
जन्म देनेवाली माँ है नारी
पती की अर्धांगिनी है नारी
संसार का केंद्र है नारी
यह सब कब समझेगी बदचाल नारी.
जिस्म को परोसने वाली नारी
तेरी जिँदगी है सदा अधुरी
भलेही है तू स्वर्ग की परी
क्यु परसोगी माया सारी...
तू तो मायाजाल है नारी
तेरी माहीमा है न्यारी
असली अहमियत जान के
दुनिया को बरबाद मत कर नारी.
मंदिरोमे सजाया था
तुझे एक देवी बनाकर.
भलेही न दिया होगा
अधिकार छुने का
तुझको अस्पृश्य बनाकर.
न दिया था अधिकार जिने का
भोग्य वस्तू समझकर.
तोड दे अब तू बंधन सारे
सच्चाई को जानकर.
दुनिया को संभाल ले नारी
खुद को विरांगना मानकर.
तू ही है अहिल्या
तू ही तो है सावित्री
तू ही है भिमाबाई
तू ही तो है जीजाई
तू ही तो है दुनिया मे
पराक्रमो की खान हमारी.
तू ही तो है जान हमारी.
शिर्फ अपनी सच्चाई जानकर सारी
दुनिया को संभाल ले नारी...........
तूने घरो को बसाया
सपनो को सजाया
संसार को महकाया
दुनिया का इतिहास रचाया
कर्तबगार नारी बनकर.
एकबार इतिहास रचा दे नारी
सलाम करेगी तुझे यह दुनिया सारी......
डाँ प्रभाकर लोंढे गोंदिया