*गद्दारो की दुनिया*
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मत कर माफ इस दुनिया को
यह दुनिया है बडी बेईमान !
इस बिघडी हुई दुनिया मे
झुट ही है जीवन की कमान !
रास्ते रास्तेपर मिल जाऐंगे तुझे
गद्दार, लाचार और बेईमान
चोरी, डकेती, लबाडी मे ही है
उनके जिंदगी की शान और मान.
यहा जिंदादिल ईन्सान हो रहा
हरदिन कमजोर और परेशान.
जिने के लायक नही रहा वो
जो रखे और जिये तत्वज्ञान..
दौलत और पैसे की लालच मे
कोई बेचता दिख रहा ईमान.
पुस्दिल और दलिंदरो के बाजार मे
हरदिन बेचा जा रहा है इन्सान....
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*डॉ.प्रभाकर लोंढे. गोंदिया. चंद्रपूर*
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मत कर माफ इस दुनिया को
यह दुनिया है बडी बेईमान !
इस बिघडी हुई दुनिया मे
झुट ही है जीवन की कमान !
रास्ते रास्तेपर मिल जाऐंगे तुझे
गद्दार, लाचार और बेईमान
चोरी, डकेती, लबाडी मे ही है
उनके जिंदगी की शान और मान.
यहा जिंदादिल ईन्सान हो रहा
हरदिन कमजोर और परेशान.
जिने के लायक नही रहा वो
जो रखे और जिये तत्वज्ञान..
दौलत और पैसे की लालच मे
कोई बेचता दिख रहा ईमान.
पुस्दिल और दलिंदरो के बाजार मे
हरदिन बेचा जा रहा है इन्सान....
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*डॉ.प्रभाकर लोंढे. गोंदिया. चंद्रपूर*
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