राजे यशवंतराव
तीर तू, धीर तू
ओ मेरे लाल
मेरे जिंदगी की
तकदीर है तू.....
जन्नत मे तू
धरतीपर तू
ओ मेरे महाराजाधिराज
हरपल साथ हो तू
तेरे कदमो मै सदा
सर झुकाता रहूँ!
मेरी आन बान शान
का मतलब है तू!
इसलिए धरती हो या
आसमान मे दिखता है तू।
तेरा चरित्र पढकर ही
धरतीपर आजभी टिका हू।
जय यशवंत ।।।।।
तीर तू, धीर तू
ओ मेरे लाल
मेरे जिंदगी की
तकदीर है तू.....
जन्नत मे तू
धरतीपर तू
ओ मेरे महाराजाधिराज
हरपल साथ हो तू
तेरे कदमो मै सदा
सर झुकाता रहूँ!
मेरी आन बान शान
का मतलब है तू!
इसलिए धरती हो या
आसमान मे दिखता है तू।
तेरा चरित्र पढकर ही
धरतीपर आजभी टिका हू।
जय यशवंत ।।।।।
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