Friday, March 23, 2018

राजे यशवंतराव

तीर तू,  धीर तू
ओ मेरे लाल
मेरे जिंदगी की
तकदीर है तू.....

जन्नत मे तू
धरतीपर तू
ओ मेरे महाराजाधिराज
हरपल साथ हो तू

तेरे कदमो मै सदा
सर झुकाता रहूँ!
मेरी आन बान शान
का मतलब है तू!

इसलिए धरती हो या
आसमान मे दिखता है तू।
तेरा चरित्र पढकर ही
धरतीपर आजभी टिका हू।

जय यशवंत ।।।।।

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