Monday, August 5, 2019

दोस्ती

दोस्ती

उन दोस्तो की मैफिल मे
मै जिता जागता रहा हर दिन.
ऐसे भी मिले दोस्त
जो जी न सके मेरे बिन.
फिर भी एक दिन ऐसा आया
जो न था मेरा और न किसी का.
दोस्तो से होकर भी घेरा,
मै पड गया था अकेला.
मौत ने छिन लिया इसे,
ऐसा कह रहा था हर दोस्त मेरा.
पर कुछ नहीं कर पाया
बन गया था वो बेचारा.
मौन हो कर देख रहा था मै
वह मेरे दोस्त कि हालात.
सिर्फ मौत से ही बचा न सका था,
मुझे वो जिगरवाला दोस्त मेरा.


उन मेरे दोस्तो को सलाम
जो मेरे व्यवहार को नही
मेरी सोच को मानते है!
मेरी वाणी को नही
जीवन का बदलना जानते है!

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